“” धर्म की परिभाषा “” या “” धर्म का अर्थ “”
“” Definition of Dharma “” Or “” Meaning of Religion “”
“” Definition of Dharma “” Or “” Meaning of Religion “”
“” प्रचलित धर्म की परिभाषा, सृजन के कारण और मानव धर्म क्या “”
—- x —— धर्म —- x ——-
“” 【 एक या अनेक प्राणी अथवा वस्तु को सर्वोच्च शक्ति व जीवन आदर्श मानते हुए, उनके अद्वितीय व अलौकिक गुणों पर आधारित】 मानव श्रृंखलित नियमों और मान्यताओं के साथ आध्यात्मिक मार्ग प्रशस्तिकरण ही धर्म है ।। “”
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आज संसार में अधिकांश मनुष्य या समूह अपने अपने धर्म एवं विचारधारा को प्रचारित, प्रसारित 【फैलाने 】 में अन्धी एवं बहरी प्रतिस्पर्धा में लगें हैं।
बेलगाम प्रतिस्पर्धा सदैव स्वतंत्र एवं स्वच्छ लोकतंत्र के लिये कष्टकारी, विघटनकारी कभी तो विनाशकारी भी साबित हुई हैं और यही क्रम रहा तो यह मानव जाति के लिए विध्वंसकारी भी साबित होगी।
—– धर्म सृजन के कारक —–
व्यक्ति या व्यक्ति समूह की एकरूप विचारधारा , नियमों , मान्यताओं, रहन सहन, खानपान एवं क्षेत्रीय जलवायु की आधारशिला पर ही हर धर्म का सृजन हुआ है।
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क्योंकि सृष्टि का मालिक सिर्फ एक ही हो सकता है अतः उसका मानव के प्रति धर्म भी एक ही है और वह है “” प्राणी धर्म “” । सृष्टि के प्रत्येक तत्व व प्राणी ने अपने गुण, दायित्व और कर्म को पूरी शिद्दत के साथ निभाया है सिवाय इंसान को छोड़कर।
—- x —– मानव धर्म —– x ——
“” प्राणी का सरंक्षण, 【 समाजिकता 】 में स्वंय को आत्मनिर्भर रखते हुए, 【 परोपकार 】 दूसरे प्राणियों को मार्गदर्शन व सहयोग से उनके जीवन को सँवारने का कर्तव्यबोध ही मानव धर्म है। “”
यही “” मानस “” का जीवन दर्शन है और सम्भवतः मानवीय विचारों की अभिव्यक्ति भी।
आम धारणाओं व मिथकों को तोड़ते हुए निडरतापूर्वक तार्किक व्याख्या,
मानस जिले सिंह
【 यथार्थवादी विचारक】
अनुयायी – मानस पँथ
उद्देश्य – सामाजिक व्यवहारिकता को सरल , स्पष्ट व पारदर्शिता के साथ रखने में अपनी भूमिका निर्वहन करना।
so nice
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