जिद एक जीवन | विध्वंस का बीज
Definition of Stubbornness | Meaning of Obstinacy | Zid Ki Paribhasha
“” जिद एक जीवन या फिर विध्वंस का बीज “”
ज़नाब ज़िद जब अपने शबाब पर होती है तो,
मानस देखने लायक ही होती है ;
जब जनूँ पर सवार होती है तो,
उफ़नते सागर पर सेतु बनवाती है ;
जब लालच पर बैठती है तो,
तख्तो ताज भी हथवा लेती है ;
जब सनक पर चढ़ती है तो,
एक बात पर ही किसी की जिंदगी फ़नाह करवा सकती है ;
जब सेवा पर समर्पित होती है तो,
घोर विकट परिस्थितियों में जान हथेली पर भी रखवा सकती है ;
जब पुरुषार्थ पर शोभित होती है तो,
विष्णु से जनकल्याण में भिक्षा व राक्षसराज बलि द्वारा सब कुछ दान भी करवा सकती है ;
जब मोह में बन्धती है तो,
धर्मपरायण व नीतिवान हो चाहे सलाहकार फिर भी महाभारत करवा सकती है ;
जब अहम के साथ तांडव करती है तो,
रक्षण में अजेय योद्धाओं के बावजूद पूरे कुल का सर्वनाश भी करवा सकती है ;
जब पनाह में इश्क़ होता है तो,
किसी को किसी के संसार का खुदा भी बनवा सकती है ;
जब गुस्से पर आसीन होती है तो,
अपने से अपनों का गला भी कटवा सकती है ;
जब दायित्व को धर्म बनाती है तो,
पन्नाधाय के रूप जिगर के टुकड़े बदले राजकुँवर के प्राण बचाती है ;
जब आस्था पर विराजमान होती है तो,
श्रेष्ठता की होड़ में कट्टर फिर वर्चस्व की दौड़ में मानवता को परों तले रौंदवा भी सकती है ;
जब भावना के साथ अठखेलियां करती है तो,
मानस डेढ़ श्याना नेता में भी ना रहे घर का ना रहे घाट का ऐसी नोबत भी ला सकती है।
“””” हमारा एक निर्णय कभी कभी व्यक्तित्व के निर्माण में ही नही सामाजिक दशा व दिशा निर्धारण में भी सहायक सिद्ध हो सकता है। “””
These valuable are views on Definition of Stubbornness | Meaning of Obstinacy | Zid Ki Paribhasha
जिद एक जीवन | विध्वंस का बीज
मानस जिले सिंह
【 यथार्थवादी विचारक】
अनुयायी – मानस पँथ
उद्देश्य – समाज में शिक्षा, समानता व स्वावलंबन के प्रचार प्रसार में अपनी भूमिका निर्वहन करना।
Good thoughts sir
सुन्दर विश्लेषण
thank
Bilkul Sahi baat hai guru
जिद एक ही है मगर उसे प्रयोग कहा किस रूप में किया जा रहा है परिणाम हमेशा उसी अनुरूप मिलते है । जीवन में जिद भी बहुत जरूरी है मगर सही दिशा की …….
So Nice explanation
Good thought
बहुत ही सुंदर अभिव्यक्ति