Thursday, April 18, 2024

Meaning of Shankhnad | अनहद नाद तो मैं कभी शंखनाद

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अनहद नाद तो मैं कभी शंखनाद | शंखनाद का अर्थ
Meaning of Shankhnad | Definition of Shankhnad | Shankhnad Ki Paribhasha

| I am Nothing But A Time is Milestone |
| अनहद नाद तो मैं कभी शंखनाद |

मैं कौन हूँ ,

हकों के लिये सत्याग्रह का हिस्सा,
तो कभी क्रान्ति में अहिंसात्मक हथियार भी हूँ ;

हर मुख्लिस के सितम जताने का साज,
तो कभी बेसहारों की बेबसी का अनहद नाद हूँ ;

प्रेम से बनी रिश्तों की लड़ ,
तो कभी सत्य के पथ पर ईमान की नदी में बहता करुणा जल हूँ ;

वंचितों के दर्द में कराहने की इंतहा ,
कभी घरेलू हिंसा में पीड़ित की खामोशी ,
तो कभी दलितों पर नाइंसाफी व अनीति को मिटाने वाला बवण्डर या भूचाल हूँ ;

शायर ने चाहे टूटी समझ फैंकी जो अधूरी कलम ,
तो कभी सत्याग्रही के पैरों से उठी गर्द जो ललाट पर सजी भस्मानी भभूत भी हूँ ;

उम्मीद की किरण जो सूरज से मिली,
तो कभी आसमां गिरी सर्वनाश कारक बिजली भी हूँ ;

मजलूमों की पथराई व कर्कश आँखों का नीर ,
कभी असहाय पर जुल्मों से फूटा दर्द का दरिया ,
तो कभी क्रूर सल्तनत को बहा ले जाये मूसलाधार बारिश में जो फटा दर्द का बादल भी हूँ ;

इरादों के पहाड़ की मजबूत चट्टान का अटल विश्वास,
तो कभी होंसले में बाज की उड़ान भी हूँ ;

आँसुओ को स्याही बना लिखने वाली कलम ,
कभी कहर बरपाने रगों से बह फिर जो जुबाँ से टपका धधकता आक्रोश हूँ ;

पाप व अपराध के विरुद्ध लड़ने वाली जवानी ,
तो कभी लिखी ना गई वह अनसुनी अनकही कहानी भी हूँ ;

सच मानो तो अन्याय व अत्याचार के विरुद्ध बनने वाली मुहिम का समर्पित सिपाही ,
तो कभी युद्ध के मैदान में ऐलान ऐ जंग की शुरुआत देने वाला सूचक ” शंखनाद ” भी हूँ।

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अनहद नाद तो मैं कभी शंखनाद | शंखनाद का अर्थ

मानस जिले सिंह
【यथार्थवादी विचारक 】
अनुयायी – मानस पंथ
उद्देश्य – मानवीय मूल्यों की स्थापना में प्रकृति के नियमों को यथार्थ में प्रस्तुतीकरण में संकल्पबद्ध प्रयास करना।

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Amar Pal Singh Brar
Amar Pal Singh Brar
1 year ago

सही एवं सार्थक अभिव्यक्ति

Sanjay Nimiwal
Sanjay
1 year ago

शंखनाद 🙏

ऐसे ही नहीं होती,

हाथ की लकीरों के आगे अंगुलियां,

ईश्वर ने भी किस्मत से पहले मेहनत लिखी है ।।

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