कर्म स्थली और मनोस्थिति | कर्म स्थली का अर्थ
Meaning of Workplace | Definition of Workplace | Workplace Ki Paribhasha
| Workplace and Mood |
| कर्म स्थली और मनोस्थिति |
अजीब कशमकश में जो कब से हूँ फंसा ,
बाँटना लक्ष्य है मेरा प्रेम और शिक्षा ;
फैलना है प्रकृति में सन्देश स्वावलंबन और समानता का ,
फिर अब जीवन की भागदौड़ से भी हूँ जो मैं बंधा ;
ताकत इतनी बदलता हूँ जो रुख आँधियों का ,
बदलती सूरत इस फ़िजां में देखना है जो मेरा सपना ;
तो लिखनी पढ़ेगी नित्यकर्म की इबारत इस कदर पत्थरों पर ,
बस एक उलझन की रवानगी ने मुझको चौराहे पर है दिया ;
जनूँ इतना की जिंदगी को ले जाऊं एक हंसी मुकाम पर ,
मन लगाकर सुन सबको जो प्यार का संदेश इस कदर भिजवाया ;
सहयोग और विश्वास की जुगलबंदी ने मिटा दिलों की दूरियां मानस का मुकम्मल मुकाम है पाया ,
मन या फर्ज निभाने की व्याकुलता के बीच में घिरा है खुद को हर बार पाया फिर भी मानस पँथ की मशाल को अंर्तमन से है उठाया ।
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कर्म स्थली और मनोस्थिति | कर्म स्थली का अर्थ
मानस जिले सिंह
【यथार्थवादी विचारक 】
अनुयायी – मानस पंथ
उद्देश्य – मानवीय मूल्यों की स्थापना में प्रकृति के नियमों को यथार्थ में प्रस्तुतीकरण में संकल्पबद्ध प्रयास करना।